Thursday, December 1, 2016

दिक़्क़त क्या है?

दिक़्क़त क्या है राष्ट्रगान गाने में? सुर नहीं लगता कि मुठ्ठी नहीं बंधती ठीक से? खड़े नहीं हो सकते 52 सेकंड? राष्ट्रगान गाना चाहिए.. बल्कि मैं तो ये भी कहती हूँ कि हर घर की छत पर, इस्तेमाल की जाने वाली हर कार, बाइक पर तिरंगा होना चाहिए. इस्तेमाल न हो रही हो तो किसी क्षेत्रीय दल का झण्डा भी चलेगा. हर घर में मोर पाला जाए.. न सिर्फ़ पाला जाए बल्कि ऐसा माहौल भी पैदा किया जाए कि मोर रह-रह कर नाचे. पूजा पाठ में कमल का फूल अनिवार्य करने में भी मुझे कोई बुराई नज़र नहीं आती, और हफ़्ते में एक दिन निश्चित तौर पर चिड़िया घर जाकर सपरिवार बाघ देखना ही देखना है, और बाघ न दिखे तो घर आकर फ़ौरन डिस्कवरी या एनिमल प्लेनेट लगा कर तब तक देखना है जब तक बाघ दिख न जाए.         

हर राष्ट्रीय प्रतीक का बराबर सम्मान होना चाहिए. होना क्या चाहिए तुमको करना ही पड़ेगा. अभी तो सिर्फ़ गाना ही भर है और तुम्हारे छत्तीस नख़रे ख़त्म नहीं हो रहे. हद है देशभक्त..!!